Tuesday, February 26, 2019

सर्जिकल स्ट्राईक 2 – भारत का एबोटाबाद क्षण

क्या आपको 2 मई 2011 का दिन याद है? जब पूरी दुनिया सो रही थी, अमेरिका ने पाकिस्तान के एबटाबाद पर हमला किया और उस दिन कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को अल्लाह के पास पहुंचाया था। ऐबटाबाद में एक आलिशान हवेली में वह पांच साल तक रहा था। इस्लामाबाद से महज 65 किलोमीटर दूर एबटाबाद में पाकिस्तान का सैन्य प्रशिक्षण संस्थान और पाकिस्तान सेना की छावनी भी है। वह इमारत जहां लादेन रह रहा था पाकिस्तानी सेना अकादमी कुछ दूरी पर थी।अमेरिकी सैनिकों ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाकर लादेन को खत्म कर दिया।


आज, 26 फरवरी 2019 का दिन इसी तरह दर्ज किया जाएगा। जब अधिकांश भारतीय सो रहे थे उस समय भारत ने पाकिस्तान पर हवाई हमले किए कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, हमले में 200-300 आतंकवादी मारे गए हैं।


भारतीय वायु सेना के 12 मिराज-2000 विमानों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बालाकोट पर हमला किया। खास बात यह है, कि सितंबर 2015 में सर्जिकल स्ट्राइक के विपरीत इन हमलों के बारे में कोई अस्पष्टता नहीं है। क्योंकि स्वयं पाकिस्तानी सेना ने ही माना है, कि भारतीय वायु सेना ने मुजफ्फराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है। “भारतीय वायुसेना के हवाई जहाज मुज़फ्फराबाद सेक्टर में घुसे। पाकिस्तानी वायु सेना से समय पर और प्रभावी उत्तर दिए जाने के बाद हड़बड़ी में बम डालकर वे बालाकोट से बाहर निकल गए। जान या माल की कोई हानि नहीं हुई है," इस तरह का ट्वीट पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने किया।


अर्थात्, इसे गीदड़ भपकी ही कहा जाना चाहिए क्योंकि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मिराज विमानों के हमलों के कारण आतंकवादी शिविर ध्वस्त हो गए हैं। सूत्रों ने एएनआई को बताया, कि पाकिस्तान के (अमेरिका से मिले हुए) एफ -16 विमानों ने मिराज 2000 विमानों की दिशा में उड़ान भरी, लेकिन भारतीय विमानों का आकार देखते हुए वे हवाई जहाज लौट गए। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार तो लगभग 200-300 लोग मारे गए हैं।





भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने भी इन हमलों की पुष्टी की। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को तड़के सीमापार स्थित आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद के ठिकाने पर बड़ा एकतरफा हमला किया जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और जिहादी मारे गए।


जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे। तब से भारत सरकार पर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव था। लगभग हर कोई जानता था, कि भारत द्वारा कोई न कोई कार्रवाई की जाएगी। स्वयं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा था, कि भारत कोई असाधारण कार्रवाई करनेवाला है। इसलिए सीमा पर तनाव बढ़ गया था और पाकिस्तान ने दावा किया था, कि वह किसी भी घटना का सामना करने के लिए तैयार है।


पाकिस्तान का यह दावा कितना खोखला था यह मंगलवार को सामने आया। एबटाबाद में जैसे पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों को कोई सुराग दिए बिना अमेरिकी सैनिकों ने लादेन को समाप्त किया, उसी तरह यह हमला किया गया। पाकिस्तान के रडार और अन्य सुरक्षा प्रणालियों को धता बताकर भारतीय वायु सेना ने अपने पराक्रम के चिन्ह आकाश में दर्ज किए। यह पूरी कार्रवाई पूरे 21 मिनट तक चल रही थी। हमारे जांबाज सैनिकों का आत्मविश्वास और साहस इससे दृगोचर होता है। पुलवामा में हमले के 11 दिनों के बाद भारतीय सैनिकों ने उन 40शहीदों का बदला लिया। आज तक पत्र व्यवहार, संदेश और चर्चाओं के मार्ग पर चलनेवाले भारत के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई होना एक अभूतपूर्व घटना है। भारत को हजारों घावों द्वारा खून से लथपथ करना (ब्लीडिंग थ्रू थाउजेंड कट्स) पाकिस्तान का षड्यंत्र है। यह पाकिस्तान का भारत के खिलाफ छद्म युद्ध है। भारत को उसे ज्यों का त्यों जवाब देना चाहिए, यह सभी भारतीयों की कई दशकों से इच्छा थी।


'पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दो,' इस तरह की मांग करते हुए देशवासियों का गला सुख गया था, जबकि इस तरह की जवाबी कार्रवाई का आश्वासन देते हुए नेताओं की कई पिढ़ियां गुजरी। लेकिन स्थिति जस की तस थी। कुत्ते की पूंछ की तरह पाकिस्तान में सुधार नहीं हुआ और न ही सुधार होगा। उसे सबक सिखाना एक ऐतिहासिक आवश्यकता थी और आज लोगों को उस क्षण का अनुभव मिल गया है। वायु सेना और सरकार को इसकी हार्दिक बधाई!

1 comment:

  1. […] devious mean of terrorism. Even as the Pakistan is licking the wounds of the last surgical strike, the heroes of the Indian Air Force gave another shock. They crossed Pakistan’s border and eliminated the terrorists holed up there. The attack is […]

    ReplyDelete